अवैध कब्जे पर प्रधान का चुनाव निरस्त

मंडी। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण साबित होने पर अदालत ने सदर उपमंडल की पंचायत सेहली के प्रधान का चुनाव निरस्त करने का फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि प्रधान चुनाव में निर्वाचित होने की पात्रता नहीं रखता था। इसके अलावा नामांकन गलत ढंग से प्राप्त करने से इस पद का चुनाव प्रभावित हुआ है।
उपमंडल अधिकारी (सिविल) सदर शुभ करण सिंह के न्यायालय ने उपतहसील कोटली के सेहली निवासी हिम्मत राम पुत्र दुर्गा की चुनाव याचिका को स्वीकारते हुए पंचायत सेहली के प्रधान भूरी सिंह का निर्वाचन निरस्त करने का फैसला सुनाया। उपमंडल अधिकारी ने फैसले में कहा कि प्रधान का सेहली मुहाल के खसरा नंबर 900 में स्थित 5-5-7 बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा पाया गया है। इस कारण वह प्रधान पद के चुनाव में निर्वाचित होने की पात्रता नहीं रखते थे। इतना ही नहीं प्रधान का नामांकन पत्र गलत ढंग से स्वीकार करने के कारण प्रधान पद का चुनाव बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
याचिकाकर्ता हिम्मत राम के मुताबिक उन्होंने तथा अन्य प्रत्याशियों ने पंचायत सेहली के प्रधान पद का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव के लिए 30 दिसंबर 2010 को मतदान हुआ था और इसी दिन निकले परिणाम में भूरी सिंह को प्रधान निर्वाचित घोषित कर दिया था। याचिकाकर्ता ने इस चुनाव परिणाम को चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि प्रधान ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है जिस कारण वह चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं रखते थे। अदालत ने याचिकाकर्ता के तर्कों को स्वीकारते हुए पंचायत सेहली के प्रधान का निर्वाचन निरस्त करने का फैसला सुनाया। यह फैसला अपील की अवधि समाप्त होने के बाद अमल में लाया जाएगा।

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